A Review Of हल्दी का नियमित सेवन करने के फायदे

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इसका विशेष तौर पर मसाले के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। खाने के साथ ही इसे सर्दी-जुकाम, त्वचा रोग व और भी तरह की बिमारियों में प्रयोग किया जाता है।

पाचन स्वास्थ्य का समर्थन करने के लिए हल्दी का पारंपरिक रूप से उपयोग किया जाता रहा है। यह पित्त के उत्पादन को उत्तेजित करता है, जो वसा के टूटने में सहायता करता है और पाचन को बढ़ाता है। हल्दी का पानी पीने से पाचन में सुधार, सूजन और गैस को कम करने और समग्र आंत स्वास्थ्य का समर्थन करने में मदद मिल सकती है।

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हल्दी रक्त शोधन करने वाली होती है। रोजाना हल्दी खाने से रक्त में पाए जाने वाले विषैले तत्व शरीर से बाहर निकलते है। जिससे रक्त का बहाव भी अच्छे से होता है। रक्त पतला होने पर धमनियों में रक्त का प्रवाह बढ़ जाता है। इससे हृदय संबंधी समस्याएं भी नहीं होती।

कच्ची हल्दी को गैस पर जलाकर कोयले की तरह बना लीजिए फिर इसको पीसकर इसमें समान मात्रा में अजवायन मिलाकर इससे रोज़ाना सुबह मंजन करें।

हल्दी को हम दूध के साथ या पानी के साथ सेवन कर सकते हैं। रोगग्रस्त जगा इसको लगाने से बहुत जल्दी फायदा मिलता है।

हालांकि हल्दी दर्द से संबंधित अवधियों को कम करता है, लेकिन यह एक गर्भाशय उत्तेजक है जो मासिक धर्म के निर्वहन के मुक्त प्रवाह को बढ़ावा देता है। इस कारण से, गर्भावस्था के दौरान चिकित्सीय खुराक लेते समय हल्दी से बचा जाना चाहिए।

हल्दी बहुत सी पाचन तंत्र की समस्याओं को ठीक करने में मदद करती है। यही कारण है कि इसे एक महत्वपूर्ण मसाले के रूप में हर घर में उपयोग किया जाता है। यह एक शक्तिशाली एंटीसेप्टिक हैं जो आंत्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है और पेट के अल्सर और कोलाइटिस को ठीक करता है। यह बेहतर पाचन में मदद करती है और अल्सर, दस्त, अपच आदि को रोकती है। हल्दी पित्त के प्रवाह को बढ़ाती है, जो वसा पाचन में मदद करता है। भूख और अपचन का इलाज हल्दी वाला दूध पिने से किया जा सकता है।

आइये जानते हैं कि हल्दी के सेवन से किन रोगों में आराम मिलता है और इसका सेवन किस तरह करना चाहिए।

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हल्दी में एंटीवायरल और जीवाणुरोधी गुण होते हैं जो कई प्रकार के संक्रमणों से लड़ने में मदद कर सकते हैं।  हल्दी एंटीसेप्टिक और सूजन को कम करने वाले गुणों से समृद्ध है जो संक्रमण के साथ-साथ खाँसी या ठंड के लक्षणों से भी लड़ने में मदद करते हैं। सोने से पहले एक गिलास हल्दी दूध को हल्का गर्म करें और इसे पिएं। यदि आप इसमें अदरक और शहद मिलाएगें तो यह शरीर पर अपना असर ज्यादा अच्छे से करेगा, इससे गले की सूजन कम होगी है। हल्दी दूध सूखी खांसी और अस्थमा के खिलाफ विशेष रूप से प्रभावी है।

यदि आपको ब्लोटिंग की समस्या है यानी पेट फूलने से आप परेशान है तो ऐसे में आप शहद के साथ हींग का सेवन कर सकते हैं.

हल्दी में प्रतिरक्षा-बढ़ाने वाले गुण होते हैं जो शरीर की प्राकृतिक रक्षा तंत्र को मजबूत करने में मदद कर सकते हैं। हल्दी के पानी में एंटीऑक्सिडेंट प्रतिरक्षा समारोह का समर्थन कर सकते हैं, संक्रमण से बचाने और समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद कर सकते हैं।

हाथ पैर फटने से बचाव के लिए  कच्चे दूध में हल्दी पाउडर मिलाकर लेप बनाएं फिर उसको हाथों पैरों पर लगाएं इससे त्वचा मुलायम होती और हाथ पैर का फटने से बच जाते है । अगर हाथ पैर फटे हुए हो तो उसमें हल्दी भर दे जल्दी फायदा मिल जाएगा । सरसों के तेल में हल्दी पाउडर मिलाकर होठों पर लगाने से होंठ फटना भी बंद हो जाते हैं ।

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